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लेखनी कहानी -11-Sep-2022 सौतेला

भाग 27 
रिम्पी पिंकी को लेकर ड्राइंग रूम में आ गई  । रिम्पी का ड्राइंग रूम विभिन्न देशी विदेशी एन्टीक वस्तुओं से भरा हुआ था । शेर की खाल , हिरन के सींग , हाथी के दांत और दूसरे जानवरों के विभिन्न आइटम्स उसके ड्राइंग रूम की शोभा बढा रहे थे । उन्हें देखकर लगता था कि रिम्पी को 'वाइल्ड लाइफ' से बहुत लगाव है । एक एक आइटम लाखों रुपए की कीमत का था । पिंकी को बहुत आश्चर्य हुआ कि इतने मंहगे आइटम्स रिम्पी के घर में कैसे आये ? वाइल्ड जानवरों के आइटम्स घर में रखना तो विधि विरुद्ध है फिर रिम्पी के घर में कैसे लगे हुए हैं ये ? पुलिस पकड़कर ले नहीं जाती है क्या रिम्पी को ? पिंकी के मन में उथल पुथल मचने लगी थी । 
रिम्पी पिंकी की उलझन समझ गई थी । मुस्कुराते हुए बोली "तुम इन वाइल्ड आइटम्स को लेकर परेशान हो रही हो ? इसमें परेशानी की क्या बात है" ? 
पिंकी को बताने में झिझक हो रही थी कि उसके मन में क्या क्या चल रहा है ? वह चुप ही रही । 
"चुप रहने से काम नहीं चलेगा पिंकी, बोलना पड़ेगा । बिना बताए मैं कैसे समझूंगी कि तुम्हारे मन में क्या चल रहा है ? इस धंधे में सब कुछ साफ साफ बोलना पड़ता है । सोच विचार मत करो और जो भी पूछना है निसंकोच पूछो" । रिम्पी ने आत्मीयता जताते हुए कहा । 

रिम्पी के इस तरह आत्मीयपूर्ण व्यवहार ने पिंकी को खुलने पर विवश कर दिया । वह बोली "इतने मंहगे मंहगे आइटम्स कहां से लेकर आई हो दीदी ? कितना रुपया खर्च किया है इन पर ? ये आइटम्स तो कानूनन प्रतिबंधित हैं ना फिर आपके घर में कैसे हैं ? पुलिस का डर नहीं लगता है क्या आपको" ? पिंकी ने अपनी समस्त शंकाऐं रिम्पी को बता दी थी । 
पिंकी की बात पर रिम्पी जोर से खिलखिलाई और कहने लगी "ये आइटम्स कहां से आये और कितने के आये , ये तो मुझे भी नहीं पता है । इन्हें मैंने खरीदा नहीं है । ये मुझे गिफ्ट में मिले हैं । ज्यादातर ये आइटम्स वन विभाग के अधिकारियों ने ही गिफ्ट किए हैं मुझे । कुछ आइटम्स पुलिस के अधिकारियों ने गिफ्ट किये हैं । अब तुम ही बताओ कि जो अधिकारी मुझे इन प्रतिबंधित आइटम्स को दे रहे हैं वे मुझे पकड़ेंगे क्या ? पकड़ने वाले भी तो यही अधिकारी हैं । जो लोग खुद विधि विरुद्ध कार्य कर रहे हैं वे दूसरों को क्या पकड़ेंगे" ? 
"पर इन अधिकारियों ने आपको क्यों गिफ्ट किया था दीदी ? आपके कोई रिश्तेदार थे क्या ये अधिकारी" ? पिंकी ने बड़े भोलेपन से पूछा 
"आजकल कौन रिश्तेदार किसी रिश्तेदार को फ्री में गिफ्ट देता है ? गरीब आदमी को तो अपना रिश्तेदार बताने से भी हिचकते हैं लोग । यदि कोई अमीर या प्रतिष्ठित व्यक्ति किसी का दूर का रिश्तेदार भी हो तो उसे अपना खास रिश्तेदार बताते हैं लोग । चढते हुए सूरज को ही सलाम करती है ये दुनिया । डूबते हुए सूरज को तो देखकर आनंदित होते  हैं लोग । उसके डूबने का जश्न मनाते हैं लोग । रही बात इन अधिकारियों के द्वारा गिफ्ट देने की तो हर एक अधिकारी चाहता है कि उसकी पोस्टिंग ऐसी जगह पर हो जहां उसे रोज हजारों लाखों रुपए की कमाई हो । इसके लिए कुछ भी तिकड़म बैठाने को तैयार हो जाते हैं ये अधिकारी लोग । पैसा, गिफ्ट , ज्वैलरी आदि सभी कुछ देते हैं ये अधिकारी । और तो और लड़कियां तक सप्लाई करते हैं ।  

 "इस हाथ दे और उस हाथ ले" यही सिद्धांत काम करता है आजकल । इकतरफा व्यवहार ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाता है । विधायक अशोक राम जी की सी एम साहब से बहुत अच्छी पटती है । ये अधिकारी लोग जानते हैं कि सी एम साहब के करीबी लोग कौन कौन हैं ? फिर ये अधिकारी लोग उन लोगों तक पहुंच बनाने के लिए किसी "माध्यम" की तलाश करते हैं । मेरे जैसे लोग यही "माध्यम" का कार्य करते हैं इसलिए ये लोग न केवल मंत्री जी, विधायक जी को "पत्रम पुष्पम औरतम" से उपकृत करते हैं बल्कि मेरे जैसी "माध्यम" को भी उपकृत करना नहीं भूलते हैं । इन्ही लोगों के उपकार से ही मेरा यह घर सरसब्ज हो रहा है । ये कटलरी देख रही हो" ? उसने शो केस में सजी हुई कटलरी दिखाते हुए कहा "ये कटलरी लंदन से आई है । और वो क्रॉकरी देख रही हो" 

रिम्पी उसे दूसरे शो केस में सजी हुई क्रॉकरी दिखाते हुए बोली "ये क्रॉकरी पेरिस से आई है । ये डिनर सैट कोरिया का है और वह वोदका सैट रूस का है । दुनिया में कद्रदानों की कोई कमी नहीं है पिंकी । बस, आपमें हुनर होना चाहिए । कोई कलाकार है तो कोई साहित्यकार । कोई गीतकार है तो कोई संगीतकार । कोई कुशल नर्तक है तो कोई कुशल वादक । कोई ख्यातनाम हीरो है तो कोई प्रसिद्ध विलेन । कोई क्रिकेट का भगवान है तो कोई बॉक्सिंग का चैंपियन । कोई नेता जनता के दिलों पर राज करके सत्ता की मलाई चाट रहा है तो कोई अधिकारी बनकर देश को दीमक की तरह चाट रहा है । कोई पत्रकार बनकर देश विदेश में मौज उड़ा रहा है तो कोई जज बनकर स्वयंभू भगवान बन कर "हथौड़ा" खड़का रहा है । सबके पास कोई न कोई तो हुनर है । ये लोग अपने हुनर की बदौलत ही तो इतनी ऊंचाई तक पहुंचे हैं । इतनी ऊंचाई पर पहुंच कर भी यदि इन्होंने माल नहीं बटोरा , मौज नहीं उड़ाई, कानून के साथ खिलवाड़ नहीं किया तो फिर किया ही क्या ? 

जो आदमी जितना बड़ा है वह उतना ही कानून तोड़ने का अधिकार रखता है । कानून का पालन तो वे लोग करते हैं जिनके पास कानून तोड़ने का विकल्प नहीं है । जब तक किसी व्यक्ति को बेईमानी करने का अवसर प्राप्त नहीं होता है, तब तक वह आदमी ईमानदार बना रहता है । जब तक किसी सुंदरी के दर्शन नहीं होते तब तक ही कोई व्यक्ति "साधु" बना रहता है । जरा सा मौका मिला नहीं कि उसने अपना चोला बदला नहीं । ये दुनिया इसी तरह चलती रही है और आगे भी चलती रहेगी" । रिम्पी ने अपना पूरा दर्शन शास्त्र उंडेलकर रख दिया । 

रिम्पी को धाराप्रवाह रूप से बोलता देखकर पिंकी को बड़ा आश्चर्य हुआ । वह तो रिम्पी को एक साधारण सी स्त्री समझ रही थी लेकिन उसे दुनिया की इतनी समझ होगी यह उसने सोचा नहीं था । उसने और खुलासे करवाने के उद्देश्य से पूछा "ये मंत्री लोग ट्रांसफर, पोस्टिंग पर कितने पैसे लेते होंगे दीदी" ? 
"ट्रांसफर, पोस्टिंग पर पैसा "पोस्ट" पर डिपेण्ड करता है । जैसे एक पुलिस कप्तान यानि कि एस पी का पद है या पुलिस कमिश्नर का पद है तो इसकी रेट अलग है । इसमें भी अलग अलग जगह के लिए अलग अलग रेट्स हैं । जैसे मुंबई का पुलिस कमिश्नर बनना है किसी को तो वह इसके लिए 100 करोड़ रुपए भी दे देगा क्योंकि वह जानता है कि वह एक महीने में ही 100 करोड़ रुपए कमा सकता है । 

अभी कुछ दिन पहले ही तो महाराष्ट्र में पुलिस विभाग द्वारा मंथली उगाही का मामला सामने आया है । कैसे एक गृह मंत्री अपने पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा 100 करोड़ रुपए मंथली वसूल करता है । फिर ये नेता लोग केवल पुलिस से ही पैसा नहीं लेते बल्कि माफियाओं से भी बंधी लेते हैं । देखा नहीं अभी कि किस तरह इन माफियाओं के तार देश के बड़े बड़े नेताओं से जुड़े होते हैं । ये नेता लोग इन माफियाओं से 500 - 500 करोड़ रुपए लेकर इन्हें अपनी पार्टी का टिकिट दे देते हैं । आपने देखा नहीं कि कैसे अतीक और मुख्त्यार अंसारी जैसे गुण्डे किसी पार्टी के सांसद रहे थे । ये बड़े बड़े नेता इन गुण्डों को "धर्मनिरपेक्ष और समाजवाद का प्रणेता" बता बताकर कैसे इनका बचाव करते हैं । इन नेताओं का एक ही भगवान है और वह है पैसा । ये राम जी को गाली दे सकते हैं, कृष्ण जी को "रसिया" बता सकते हैं । शिवजी को "भंगेड़ी, नशेड़ी" बता सकते हैं पर पैसे को कभी गाली नहीं देंगे क्योंकि पैसा इनका माई बाप है । पैसा इनका भगवान है । पैसे की पूजा करते हैं लोग । पैसे पर ही मरते हैं लोग" । रिम्पी आज के जमाने की सच्चाई बता रही थी । 

क्रमश : 

श्री हरि 
27.5.23 

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3 Comments

Mahendra Bhatt

29-Jun-2023 09:07 PM

👌👌

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